अलंकृत बागवानी किसे कहते है इसका महत्व एवं अलंकृत उद्यानों के प्रारूप
अलंकृत बागवानी आध्यात्मिक एवं कलात्मक उद्यान विज्ञान (horticulture in hindi) की शाखा है, जिसमें सजावट तथा सौंदर्य के लिए एकवर्षीय, द्बिवर्षीय एवं बहुवर्षीय पौधों को उगाया जाता है ।
अलंकृत बागवानी के अंतर्गत सजावट तथा सौंदर्य के लिए बाहर उद्यान में तथा शीशे के घरों में गमलों में, टोकरियों में एवं भवनों आदि में पौधे उगाए जाते हैं ।
अलंकृत बागवानी किसे कहते है?
अलंकृत बागवानी सभ्यता का प्रतीक है, जैसे जैसे सभ्यता का विकास हुआ वैसे ही मनुष्य द्वारा सजावट के लिए पौधों का उपयोग बढ़ता गया ।
संसार की सभी प्राचीनतम सभ्यताओं में पौधों का ‘असीम सुख सौंदर्य’ प्रदान करने के लिए वर्णन मिलता है ।
ये भी पढ़ें
बागवानी फसलों के लिए उचित जलवायु क्षेत्र
बागवानी लगाने हेतु स्थान का चुनाव कैसे करते है
एक उत्तम पौधशाला कैसे तैयार करते है
अलंकृत बागवानी की परिभाषा
अलंकृत बागवानी की परिभाषा — “अलंकृत बागवानी एक विज्ञान एवं कला है, जिसमें अलंकरण, सौंदर्य एवं सभ्यता के लिए पौधों को उगाया जाता है।”
भारत में अलंकृत बागवानी का महत्व, विकास एवं भविष्य
भारत में वैदिक काल से पहले की सिन्धु घाटी की सभ्यता में मोहदजोदड़ों तथा हड़प्पा में किये गये उत्खनन् में मिले बर्तनों पर बेल बूटों एवं पुष्पों के चित्र अंकित पाये गये हैं ।
वेदों की बहुत — सी ऋचाओं में प्राकृतिक सुन्दरता का वर्णन मिलता है ।
ये भी पढ़ें
जापानी उद्यान शैली क्या है एवं भारत में इसका महत्व
बागवानी पौधों की कटाई छटाई (कृन्तन)
भारत में अलंकृत बागवानी का महत्व
अलंकृत बागवानी का महत्व अलंकृत उद्यानों में प्राकृतिक सौन्दर्य का समावेश होता है, जो असीम सुखशान्ति प्रदान करने वाला होता है ।
अलंकृत बागवानी का प्रमुख महत्व -
- मनोरंजन के लिए
- सजावट एवं सौंदर्य के लिए
- वातावरण की शुद्धि के लिए
- आध्यात्मिक एवं धार्मिक महत्व
- आर्थिक मान एवं अन्य महत्व
ये भी पढ़ें
उद्यान विज्ञान एवं उसकी शाखाएं
भारत में बागवानी का क्या महत्व है
अलंकृत उद्यानों के प्रारूप
अलंकृत उद्यानों के तीन मुख्य प्रारूप विकसित हुये हैं -
- बनावटी प्रारूप (Formal or Symmetrical Style)
- प्राकृतिक प्रारूप (Natural or Informal or Landscape gardening)
- स्वतन्त्र प्रारूप (Free or Picturesque Style)