जैविक खाद क्या है- Organic manure in hindi
जैविक (कार्बनिक) खाद क्या है, जैविक खेती कितने प्रकार की होती है?
जैविक खाद (organic manure in hindi) एक स्थाई खेती है, इसमें परम्परागत खेती की विधियों को अपनाकर विभिन्न रसायनों के दुष्प्रभाव से भूमि , पर्यावरण व कृषि उत्पाद को बचाया जा सकता है ।
जैविक खादों के प्रयोग से भूमि अवस्था में सुधार होता है जिससे भूमि में वायु संचार ( aeration ) में वृद्धि होती है, जीवांश पदार्थ का निर्माण होता है ।
वायुमण्डल की नाइट्रोजन का पौधों में स्थिरीकरण बढ़ जाता है और इनके फलस्वरूप उत्पाद में वृद्धि होती है ।
जैविक खाद क्या है Organic manure in hindi
जैविक खाद (organic manure in hindi) पक्षियों के मल मूत्र, शरीर अवशेष, फार्म पर उगाई फसलों एवं उद्योगों के उत्पादों आदि के विघटन से निर्मित पदार्थ को जैविक खाद (organic manure) कहते है, इसे जीवांश खाद या कार्बनिक खाद भी कहते है।
जैविक (कार्बनिक खाद) कितने प्रकार की होती है ( type of organic manure in hindi )
1. गोबर की खाद ( Farm Yard Manure )
2. कम्पोस्ट ( Compost )
3. वर्मी कम्पोस्ट ( Verni Compost )
4. हरी खाद ( Green Manure )
5. जैविक खादें ( Biotic Manures ) प्रमुख हैं ।
जैविक खाद बनाने की विधियां ( Methods of making organic manure in hindi )
जैविक खेती में बहुत सी खादों का प्रयोग किया जाता है ।
2 . गोबर की खाद ( Farm yard Manure in hindi )
गोबर की खाद में 0 . 5–1 . 5 % नाइट्रोजन , 0 . 4–0 . 8 % फॉस्फोरस व ( 05–1 *9 % पोटाश पाया जाता है । गोबर की खाद पशुओं के मल — मूत्र व बिछावन और उनके व्यर्थ चारे व दाने का मिश्रण होती हैं ।
गोबर की खाद का संगठन पशु की किस्म , पशु की आयु और अवस्था , प्रयोग किया जाने वाला चारा व दाना , बिछावन की प्रकृति और उसका भंडारण आदि कारकों पर निर्भर करती है ।
पशुओं के गोबर , मूत्र व बिछावन आदि को गड्डों में एकत्रित किया जाता है ।
गङ्कों में एकत्रित गोबर खुले में होने के कारण लीचिंग ( Leaching ) तथा वाष्पशीलता ( Volatilization ) के कारण पोषक तत्वों की हानि होती रहती है ।
3 . कम्पोस्ट खाद ( Compost meaning in hindi )
ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार की गई कम्पोस्ट में 0 . 4–0 . 8 % नाइट्रोजन , 0 : 3–0 : 6 फॉस्फोरस तथा 0–7–1–0 % पोटाश पाई जाती है ।
विभिन्न फसलों के अवशेष , सूखे डंठल , गन्ने की सूखी पत्तियों व फसलों के अन्य अवशेषों को गड्डों में सड़ाकर बनाई गई खाद कम्पोस्ट खाद ( Compost meaning in hindi ) कहलाती है ।
इन अवशिष्ट पदार्थों को गड्ढ़ों में भर दिया जाता है । गड़े को भरने के पश्चात् उसको मिट्टी से ढक देते हैं ।
गच्चों में भरे अवशिष्ट पदार्थों के बीच — बीच में भी मिट्टी की परतें डाली जाती हैं ।
ऐसा करने से गड़ों में सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा अपघटन की क्रिया तीव्रता से होती रहती है ।
कम्पोस्ट compost meaning in hindi बनाने में प्रयोग होने वाले पदार्थों को ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों से प्राप्त व्यर्थ के कुड़ा — करकट को एकत्रित किया जाता है और गड्ढों में भरते रहते हैं ।
कम्पोस्ट बनाने के लिए विभिन्न विधियाँ प्रयोग में लाई जाती हैं जैसे कोयम्बटूर विधि, इंदौर विधि व बैंगलौर विधि ।
4 . वर्मी कम्पोस्ट ( Vermi Compost in hindi )
वर्मी कम्पोस्ट (vermi compost in hindi) में कुल नाइट्रोजन 0 . 5–1 : 5 % , उपलब्ध फॉस्फोरस 0 : 1–0 : 3 % व उपलब्ध सोडियम 0 : 06–0 : 3 % पाया जाता है । वर्मी कमोस्ट एक ऐसी जैविक खाद (organic manure) है। जो केंचुओं के द्वारा बनाई जाती हैं ।
वर्मी कम्पोस्ट (vermi compost in hindi) के मिश्रण में कास्टिग, केंचुएँ, सूक्ष्म — जीवाणु, मल आदि पाए जाते हैं ।
केंचुओं की सहायता से बनाई गई इस कार्बनिक खाद को वम कम्पोस्ट कहते हैं और इस प्रकार बनाई गई खाद की प्रक्रिया वर्मी कम्पोस्ट (vermi compost in hindi) कहते है।
इस क्रिया में केंचुएँ मिट्टी को खाकर उसको मल के रूप में पाचन के उपरान्त बाहर निकालते रहते हैं ।
ऐसा अनुमान है कि 2000 केंचुएँ एक वर्ग मीटर जगह की मिट्टी को खाकर एक वर्ष में 100 मीट्रिक टन ह्युमस का निर्माण करते हैं ।
5 . हरी खाद ( Green Manure in hindi )
जैविक खेती (organic farming in hindi) में हरी खाद का एक महत्वपूर्ण स्थान है । हरी खाद वाली फसलें भूमि में उगाकर कोमल अवस्था में बुवाई के 30–35 दिन बाद गिराकर दवा दी जाती हैं ।
सड़ने और गलने के पश्चात् इन फसलों से भूमि के भौतिक , रसायनिक एवं जैविक गुणों में सुधार होता है , भूमि में वायु संचार व पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ती है ।
भूमि पर हरी खाद उगाने से भूमि कटाव पर भी नियन्त्रण होता है । सनई व देंचा प्रमुख हरी खाद (green manure in hindi) वाली फसलें हैं ।
इनके अतिरिक्त ग्वांर , मूग , लोबिया अदि फसलें भी हरी खाद के रूप में प्रयोग की जाती हैं ।
हरी खाद (green manure in hindi) उगाने से भूमि में नाइट्रोजन की भी वृद्धि होती है । है नाइट्रोजन की मात्रा प्रयोग की गई फसल एवं उसको पलटने की अवस्था पर निर्भर करती है ।
ऐसा अनुमान है कि हरी खाद की विभिन्न फसलों से 75–150 किलो नाइट्रोजन प्रति हैक्टेयर की दर से भूमि को प्राप्त होती है ।
जैविक खाद का महत्त्व ( Importance of organic manure in hindi )
भारत एक कृषि प्रधान देश है । उन्नत कृषि करने के लिये आवश्यक है कि मृदा को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में प्रदान किये जायें ।
फार्मयार्ड F. Y. M. तथा कम्पोस्ट आदि अच्छी जैविक खाद हैं ।
भारतीय किसान जैविक खादों का प्रयोग अधिक करने लगे हैं क्योंकि मृदा में इनका प्रभाव कई वर्षों तक रहता है और ये कृत्रिम ( रासायनिक ) खादों की अपेक्षा सस्ते पड़ते हैं ।
Originally published at https://www.agriculturestudyy.com on April 10, 2020.