पादप कार्यिकी या पादप शरीर क्रिया विज्ञान क्या है अर्थ एवं परिभाषा | plant physiology in hindi | Agriculture Studyy
वनस्पति विज्ञान की वह शाखा है जिसके अन्तर्गत पौधों की जैव क्रियाओं जैसे — भोजन का निर्माण, शरीर का परिवद्धन, उपापचय, श्वसन, उत्सर्जन, जनन, वृद्धि तथा गति आदि का अध्ययन किया जाता है पादप शरीर क्रिया विज्ञान (plant physiology in hindi) कहलाता है ।
यह पौधों के विकास वृद्धि तथा व्यवहार को निर्धारित करने वाले प्रवर्धो की व्यवस्था एवं क्रियात्मकता का अध्ययन है इसे पादप कार्यिकी भी कहा जाता है ।
पादप शरीर क्रिया विज्ञान का अर्थ एवं परिभाषा | plant physiology meaning in hindi
वनस्पति विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत पौधों की शरीर क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है पादप शरीर क्रिया विज्ञान (plant physiology in hindi) कहलाता है ।
पादप शरीर क्रिया विज्ञान की परिभाषा (defination of plant physiology in hindi) — “पादप कार्यिकी पौधों की क्रियाओं एवं वृद्धि प्रवर्धो के अध्ययन को कहा जाता है ।”
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पादप शरीर क्रिया विज्ञान क्या है? | plant physiology in hindi
पौधों और जन्तुओं में ये सभी जैव क्रियायें कोशिका तथा प्राय: उसमें उपस्थित जीवद्रव्य (protoplasm) द्वारा संचालित होती ।
एक पादप कोशिका में उपस्थित जल, खनिज लवण तथा कार्बन डाइऑक्साइड मिलकर भोजन का निर्माण, कोशिका के अन्दर उपस्थित पर्णहरित और प्राकृतिक रूप में उपलब्ध सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा प्राप्त कर करते हैं ।
पादप कोशिका में जल और उसमें घुले हुए खनिज लवण मूल तन्त्र की विभिन्न कोशिकाओं के द्वारा पहुंचाये जाते है ।
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पौधों में पादप शरीर क्रिया विज्ञान | physiology in plant hindi
जीवद्रव्य की मात्रा बढ़ने से कोशिकाओं की लम्बा, चौड़ाई तथा संख्या में वृद्धि होती है और पौधे के नये अंगों जैसे — शाखाओं पत्तियों इत्यादि का निर्माण होता है अर्थात् उसके परिमाप में वृद्धि होती है ।
एक समय ऐसा भी आता है जब जनन (reproduction) के लिए विशेष अंग व संरचनायें बनती हैं और इन अंगों में बनने वाली इकाइयाँ एक निश्चित विधि से नई सन्तानों का निर्माण करती हैं ।
इस प्रकार पौधे की पूरी कार्य — कहानी में पौधे का सम्बन्ध उसके चारों ओर के पर्यावरण से भी होता है।
जैसे — मृदा अर्थात् स्थलमण्डल, वायु अर्थात् वायुमण्डल और यदि पौधा जलीय है तो जलमण्डल से गैसी का आदान — प्रदान; पानी को वाथ्य रूप में निकालने की क्रिया वाष्पोत्सर्जन, जल तथा उसमें घुले खनिज लवणों का अवशोषण इत्यादि ।
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पादप शरीर क्रिया विज्ञान से क्या तात्पर्य है?
पौधों के अन्दर होने वाली विभिन्न क्रियायें जो चाहे भोजन बनाने से सम्बन्धित ऊर्जा उत्पन्न करने से प्रजनन करने से हों अथवा लम्बाई — चौड़ाई बढ़ाने से या गति करने से — जीवन सम्बन्धी क्रियायें अर्थात् जैविक क्रियायें है ।
ये सभी क्रियायें एक — दूसरे से सम्बन्धित होती हैं और इनका प्रभाव सम्पूर्ण पौधे पर सम्मिलित रूप से पड़ता है ।
क्या आप जानते है कोशिका जीवन की आधारभूत इकाई है अधिकांश क्रियायें इन्हीं कोशिकाओं तथा उनके अन्दर उपस्थित कोशिकांगों के द्वारा सम्पादित होती हैं ।
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