फसल चक्र (fasal chakra) किसे कहते है इसके लाभ, महत्व, प्रकार ओर सिद्धांत लिखिए | Agriculture Studyy
एक सफल उत्पादन के लिये उत्तरदायी प्रमुख कारकों में फसल चक्र (crop rotation in hindi) एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है ।
फसल चक्र (fasal chakra) को अपनाने का उद्देश्य उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का उपयुक्त उपयोग करके उससे अधिकतम फसल उत्पादन प्राप्त करना है ।
फसल चक्र किसे कहते है यह कितने प्रकार का होता है?
फसल चक्र क्या है? | what is crop rotation in hindi
किसी खेत में फसलों को अदल बदल (हेर-फेर) कर बोना फसल चक्र (crop rotation in hindi) कहलाता है ।
ऐसा करने से मृदा की उर्वरा शक्ति बनी रहती है और पैदावार अच्छी होती है ।
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फसल चक्र की परिभाषा | defination of crop rotation in hindi
फसल चक्र की परिभाषा — “किसी खेत से एक निश्चित समय में उसकी मृदा उर्वरता को बनाए रखते हुए उगाए जाने वाली फसली के क्रम को फसल चक्र (crop rotation in hindi) कहते हैं।”
“The sequence of the crops grown on any field in a definite period of time maintaining it’s fertifity is called crop rotation. “
फसल चक्र कितने प्रकार के होते है? | types of crops rotation in hindi
मुख्यतः फसल चक्र (fasal chakra) की संख्या तीन होती है -
- एक वर्षीय फसल चक्र — मक्का, गेहूं
- दो वर्षीय फसल चक्र — ज्वार, बारसीम, धान, चना
इसके अतिरिक्त फसलों के प्रकार के आधार पर फसल चक्र को वर्गीकृत किया गया है जो निम्नलिखित है ।
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फसल चक्र के सिद्धान्त | principles of crop in hindi
एक उत्तम फसल चक्र के प्रमुख सिद्धांत निम्नलिखित होते है -
- उथली जड़ वाली फसलों के बाद गहरी जड़ वाली फसलों को उगाना चाहिये ।
- अधिक खाद की आवश्यकता वाली फसलों के बाद कम खाद की आवश्यकता वाली फसलों को उगाना चाहिये ।
फसल चक्र के क्या लाभ है? benefits of crop rotation in hindi
फसल चक्र में फसलों को इस क्रम में बोया जाता है जिससे मृदा की उर्वरता शक्ति बनी रहती है फसल चक्र (fasal chakra) से होने वाला यह एक मुख्य लाभ है ।
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फसल चक्र प्रमुख के लाभ (fasal chakra ke labh) निम्नलिखित है -
- किसी खेत के प्रति इकाई क्षेत्रफल से एक निश्चित समय में होने वाले उत्पादन में वृद्धि होती है ।
- कृषि प्रक्षेत्र पर उपलब्ध संसाधनों का क्षमताशाली उपयोग होता रहता है ।
- तत्वों का फसल द्वारा उचित एवं तेजी से अवशोषण होता है ।