बागवानी फसलों के लिए उचित जलवायु
बागवानी फसलों के लिए उचित जलवायु ( Proper Climate for Horticulture Crops )
जलवायुु की परिभाषा ( Definition of Climate )
जलवायु के इन प्राकृतिक कारकों के उचित सम्मिश्रण ए न किसी पौधे की सफल कृषि निर्भर करती है ।
मानव द्वारा बहुत थोड़ी मात्रा में ही इन कारकों पर नियन्त्रण रखा जा सकता है । स्थान — स्थान पर जलवायु के विछिन्न कारकों का सम्मिश्रण अलग — अलग होता है ।
अत: जलवायु में विभिन्नता आ जाती है और स्थान — स्थान पर विभिन्न प्रकार की वनस्पति उत्पन्न होती हैं ।
सफल फलोत्पादन के लिये जलवायु को देखते हुए फलों की किस्म एवं जातियों का चुनाव करना चाहिये ।
अनुकूल जलवायु में उगाये जाने के कारण ही किसी क्षेत्र का फल प्रसिद्ध होता है ।
फलों के उत्पादन लिए उचित जलवायु क्षेत्र ( Proper climatic zones for fruit production )
उदाहरणार्थ — हाजीपुर ( महाराष्ट्र ) का केला , काश्मीर व कुल्लु का सेब , नागपुर का सन्तरा , बनारस का आँवला , मुजफ्फरपुर ( बिहार ) की लीची , इलाहाबाद का अमरूद व मलिहाबाद ( लखनऊ ) का दशहरी आम आदि ।
यदि फलो की किसी किस्म या जाति को उसकी प्रतिकूल जलवायु में यः जाता है तो या तो वह उत्पन्न नहीं हो पाता है या गुणों व मात्रा में उतना अच्छा नहीं हो पाता ।
उदाहरण के लिये बम्बई क्षेत्र में आम की सफलतापूर्वक होने वाली ऑलफैजो , प्यारी तथा आलमपुर बेनिशान जातियां , उत्तरी भारत में और उत्तरी भारत की दशहरी , लंगडा तथा चौंसा बम्बई क्षेत्र में सफलता पूर्वक नहीं उगायी जा सकतीं ।
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