बीज प्रमाणीकरण से आप क्या समझते है एवं बीज प्रमाणीकरण के उद्देश्य
भारत में बीज प्रमाणीकरण (seed certification in hindi) संबंधित संकल्पना का ज्ञान काफी समय से तथापि बीज प्रमाणीकरण कार्य का प्रारंभ 1959 में ज्वार, मक्का तथा बाजरे के संकर बीज से हुआ ।
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बीज प्रमाणीकरण से आप क्या समझते है एवं इसकी परिभाषा (Meaning & defination of seed certification in hindi)
पादप प्रजनक श्रेष्ठ जीनोटाइप अथवा इच्छित जीन संयोजनों का समावेश करके उत्कृष्ट गुणवना का बीज उत्पन्न करता है ।
बीज प्रमाणीकरण की परिभाषा — “बीज प्रमाणीकरण का ध्येय जनता को फसलों की उन्नत किस्मों का उच्च गुणवत्ता का बीज तथा प्रवर्धन पदार्थ प्रदान करना है, जिसके उगाने एवं वितरण में पूर्ण अनुवांशिक सर्वसमिका रखी गई केवल वे किस्में जिनका जनन द्रव्य उत्कृष्ट होता है उन बीजों का ही प्रमाणीकरण किया जाता है, बीज प्रमाणीकरण की किस्मीय शुद्धता तथा अंकुरण क्षमता उत्तम होती है ।”
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बीज प्रमाणीकरण के उद्देश्य (purposes of seed certification in hindi)
बीज प्रमाणीकरण (seed certification in hindi) के वर्तमान उद्देश्य इस प्रकार है -
- बीज उत्पादकों को प्रोत्साहित करने पहचानने, वितरण तथा उपयोग में सहायता करना ।
- बीज उत्पादन, संसाधन, भण्डारण तथा प्रमाणीकरण के न्यूनतम मानकों को स्थापित करना ।
- सभी प्रमाणित बीज गुणवत्ता के निम्नतम स्वीकृत मानकों के अनुरूप स्तर या उससे श्रेष्ठ होंगे । इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये प्रमाणीकरण सम्बन्धी आवश्यकताओं तथा प्रविधियों के मानकीकरण में सहायता करना ।
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Originally published at https://www.agriculturestudyy.com on January 1, 2021.