भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का क्या योगदान है इसका महत्व एवं समस्याएं लिखिए
कृषि की विकासशील अर्थव्यवस्थाएं मूलत: प्राथमिक अवस्था रही है ।
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि के योगदान (role of agriculture in Indian economy in hindi) की गणना अभी विकासशील अर्थव्यवस्था के रूप में ही की जाती है ।
सम्भवतः इस स्थिति का मूल कारण यही है कि आयोजन की 54 वर्षों के उपरांत भी भारतीय अर्थव्यवस्था आज भी कृषि प्रधान है ।
अत: कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है ।
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भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की भूमिका | role of agriculture in Indian economy in hindi
भारत में करोड़ों लोगों को भोजन और आजीविका कृषि (agriculture in hindi) से ही प्राप्त होती है ।
कृषि पर ही देश के उद्योग धंधे, व्यापार, व्यवसाय, यातायात एवं संचार के साधन निर्भर होते हैं ।
लाॅर्ड मेयो के शब्दों में, भारत की उन्नति और सभ्यता के दृष्टिकोण से खेती (kheti) पर आधारित है ।
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का क्या योगदान है 2021 | role of agriculture in Indian economy in hindi 2021
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का प्रमुख महत्व निम्नलिखित है -
- राष्ट्रीय आय के प्रमुख स्रोत
- आजीविका का प्रमुख स्रोत
- सर्वाधिक भूमि का उपयोग
- खाद्यान्न की पूर्ति का साधन
- औद्योगिक कच्चे माल की पूर्ति का साधन
- पशुपालन में सहायक
- हमारे निर्यात व्यापार का मुख्य आधार
- केन्द्र तथा राज्य सरकारों की आय का साधन
- आन्तरिक व्यापार का आधार
- यातायात के साधनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण
- कृषि जीवन — यापन का एक महत्वपूर्ण ढंगअन्तर्राष्ट्रीय ख्याति
- पूँजी निर्माण का सर्वाधिक महत्वपूर्ण क्षेत्र
- पंचवर्षीय योजनाओं की मुख्य आधारशिला
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कृषि उत्पादकता का भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कृषि उत्पादकता का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव — कृषि की निम्न उत्पादकता का हमारे आर्थिक विकास पर बहुत ही दृषित प्रभाव पड़ा है । यह कहना अनुचित न होगा कि हमारे आर्थिक विकास का रथ निम्न उत्पादकता की दलदल में फंस गया है ।
निम्न उत्पादकता के कारण ही 40% से अधिक जनसंख्या आज भी गरीबी रेखा से नीचे निवास कर रही है, उसे भर — पेट भोजन उपलब्ध नहीं हो पाता ।
वस्तुत: देश के अल्प — आर्थिक विकास के लिए कृषि की निम्न उत्पादकता एक बड़ी सीमा तक उत्तरदायी है ।
यही कारण है कि नियोजित विकास में कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है ।
भारत में कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए मुख्य सुझाव निम्नलिखित हैं -
- कृषि उत्पादन की आधुनिकतम तकनीकें विकसित की जाएँ ।
- भूमि — सुधार के सभी कार्यक्रमों को पूर्ण एवं प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित किया जाए ।
- सिंचाई के साधनों का विकास करके कृषि की प्रकृति पर निर्भरता को कम किया जाए ।
- खाद, कीटनाशक औषधियाँ तथा उन्नत किस्म के बीजों को उचित मूल्यों पर तथा पर्याप्त मात्रा में वितरित करने की व्यवस्था की जाए ।
- विपणन व्यवस्था में सुधार किया जाए ।
- किसानों को ऋणग्रस्तता से मुक्त करके, आवश्यक वित्त की आपूर्ति की जाए ।
- लाभदायक स्तर पर कृषि मूल्यों में पर्याप्त स्थायित्व बनाए रखा जाए ।
- विभिन्न प्रकार की जोखिमों को न्यूनतम करने के प्रयास किए जाएँ ।
- शिक्षा एवं प्रशिक्षण व्यवस्था का विस्तार किया जाए ।
- विकास कार्यक्रमों में समन्वय व सामंजस्य स्थापित किया जाए ।
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भारतीय कृषि की क्या क्या समस्यायें है? | problems of indian agriculture in hindi
भारत कृषि प्रधान देश है, परन्तु यहाँ कृषि की दशा सन्तोषजनक नहीं है ।
कृषि उत्पादन में वृद्धि पूर्व में जनवृद्धि दर से भी कम रहा । इसी कारण 1975 ई ० तक देश में खाद्य समस्या भी जटिल बनी रही ।
भारतीय कृषि की प्रमुख समस्याएं -
- भूमि पर जनसंख्या का बढ़ता दबाव
- भूमि का असन्तुलित वितरण
- कृषि का न्यून उत्पादन
- उत्पादन की परम्परागत तकनीक
- खाद्यान्न फसलों की प्रमुखता
- मानसून पर निर्भरता
- श्रम प्रधान व्यवसाय
- विपणन की कमी