लिपिड (lipid in hindi) क्या है इनके गुण, वर्गीकरण एवं महत्व लिखिए | Agriculture Studyy

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2 min readJun 13, 2022

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लिपिड (lipid) शब्द सबसे पहले ब्लूर ने 1943 (Bloor, 1943) में दिया था ।

वसा तथा वसा से सम्बन्धित सभी पदार्थ सामूहिक रूप से लिपिड (lipid in hindi) कहलाते हैं ।

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लिपिड क्या है परिभाषा | definition of lipid in hindi

लिपिड (lipid in hindi) कार्बन, हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के बने योगिक होते हैं ।

लिपिड की परिभाषा — “प्रकृति में पाए जाने वाले वसा एवं वसा से सम्बन्धित वह सभी पदार्थ जो जल में घुलनशील तथा क्लोरोफॉर्म, ईधर व बेन्जीन इत्यादि में घुलनशील होते हैं, लिपिड्स (lipids in hindi) कहलाते है ।”

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लिपिड के सामान्य गुण (properties of lipid in hindi) -

यह जल में अघुलनशील परन्तु ईधर, बेन्जीन तथा क्लोरोफॉर्म में विलेय होते हैं ।
यह वसीय अम्लों से बने एस्टर (esters) के समान यौगिक होते हैं अथवा ऐसे एस्टर बनाने की क्षमता रखते हैं ।

लिपिड्स का वर्गीकरण | classification of lipid in hindi

लिपिड्स मुख्यत: तीन प्रकार की होती है -

  • साधारण लिपिड ( Simple Lipid )
  • यौगिक या संयुक्त लिपिड ( Compound Lipid )
  • व्युत्पादित या व्युत्पन्न लिपिड ( Derived Lipid )

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लिपिड्स का महत्व | Impotance of lipid in hindi

लिपिड्स का महत्व निम्नलिखित प्रकार से है -

1. वसीय अम्लों का पोषकीय महत्त्व (nutritional importance) -

  • लिनोलीक, लिनोलिनिक तथा ऐराकिडॉनिक अम्लें आदि असन्तृप्त वसीय अम्लें सामान्य वृद्धि एवं विकास के लिये आवश्यक वसीय अम्ल होते हैं ।
  • इन बहु असन्तृप्त अम्लों को जन्तु शरीर संश्लेषित नहीं कर सकते ।
  • अतः जन्तु इन तीनों अम्लों की आवश्यकता पूर्ति हेतु अपने आहार पर निर्भर करते हैं ।
  • चूहों के आहार में इन अम्लों के न होने से उनकी वृद्धि कम होती है, त्वचा पर धब्बे पड़ जाते हैं और अण्डाणु उत्पादन में अनियमितता आदि लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं ।

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