स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती क्या है अर्थ, परिभाषा एवं सिद्धांत व विशेषताएं लिखिए
स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती कृषि विज्ञान का एक उप-क्षेत्र है इसकी परिकल्पना एवं व्यवहारिकता खेती की नियंत्रण पर आधारित है ।
सेधांतिक दृष्टि से स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती (sustainable agriculture in hindi) कृषि का एक प्रकार एवं विधि दोनों है ।
स्थाई/टिकाऊ कृषि खेती की वह विधि जो संश्लेषित उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अनुप्रयोग अथवा न्यूनतम प्रयोग पर आधारित है तथा जो भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाए रखने के लिए फसल चक्र, हरी खाद, कंपोस्ट आदि का प्रयोग करती है स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती (sustainable agriculture in hindi) कहलाती है ।
स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती (sustainable agriculture in hindi) को पोषणीय कृषि, संपोषित कृषि एवं सतत कृषि, के अलावा स्थाई कृषि विकास को टिकाऊ कृषि, पारिस्थितिकीय कृषि, जीवाश्मीय कृषि, प्राकृतिक कृषि या परमाकल्चर आदि अनेक नामों से भी जाना जाता है ।
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स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती का क्या अर्थ है? | sustainable agriculture meaning in hindi
स्थाई/टिकाऊ कृषि भूमि वन्यप्राणी, फसल, मत्स्य पालन, पशुपालन, वन — संरक्षण पौध — आनुवंशिक तथा पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलित प्रबन्ध द्वारा पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाकर वर्तमान एवं भावी पीढ़ी के लिए भोजन एवं जीविकोपार्जन की व्यवस्था के साथ — साथ उत्पादकता एवं प्राकृवास को बनाए रखने की पद्धति है ।
स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती (sustainable agriculture in hindi) की पद्धति अल्पकालिक ही नहीं प्रत्युत दीर्घकालीन आर्थिक सम्भावनाओं के दृष्टिकोण से भी उपयोगी एवं अनुकरणीय है ।
स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती की परिभाषा | defination of sustainable agriculture in hindi
स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती को अनेक प्रकार से परिभाषित किया गया है मोटे तौर पर इसकी परिभाषा — “स्थाई कृषि प्रणाली एक ऐसी खेती की पद्धति है, जो मानव के लिए असीमित काल तक उपयोगी हो, जिसमें संसाधनों का उपयोग अधिक सक्षम या प्रभावकारी ढंग से किया जाए और पर्यावरण संतुलन बनाए रखें एवं मनुष्य तथा अन्य प्रजातियों के लिए अनुकूल हों ।”
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स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती (sustainable agriculture in hindi) कौन निम्न प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है -
डॉ० एम० एस० स्वामीनाथन के कथन अनुसार -
“परिवर्तित पर्यावरण अर्थात धरती के तापमान में वृद्धि, समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी एवं ओजोन की परत में क्षति आदि नई उत्पन्न विषमताओं को टिकाऊपन देने के साथ — साथ विश्व की बढ़ती आबादी को अन्न की पूर्ति के लिए उत्पादकता के स्तर पर क्रमगत वृद्धि करना ही टिकाऊ खेती कहलाता है ।”
स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती किसे कहते है? | sustainable agriculture in hindi
स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती से अभिप्राय कृषि के ऐसे स्वरूप से है जिसमें भावी पीढ़ी हेतु प्राकृतिक सम्पदाओं को हानिकारक स्थिति तक बिगाड़े बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति करने से होता है ।
विश्व की नित्यप्रति बढ़ती जनसंख्या हेतु जहाँ एक ओर अधिक मात्रा में भोज्य पदार्थ का उत्पादन आवश्यक है उसके साथ ही यह अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है कि उत्पादन प्रक्रिया के द्वारा प्राकृतिक संसाधनों को सीमान्त दोहन से बचाया जाय ।
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स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती के क्या लाभ है? | benefits of sustainable agriculture in hindi
स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती पर्यावरण के अनुकूल सुदीर्घ काल तक निरन्तर उत्तम परिणाम देने वाली खेती है । इसके स्थायित्व स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती (sustainable agriculture in hindi) कहे जाने के प्रमुख बिन्दु होते हैं ।
स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती के प्रमुख लाभ -
- मृदा की उर्वरा शक्ति में टिकाऊपन ।
- जैविक खेती प्रदूषण रहित है ।
- जैविक खेती में जल संभरण क्षमता अधिक होती है। तक इसे कम पानी की आवश्यकता होती है ।
- इसमें पशुओं का अधिक महत्त्व होता है ।
- फसल अवशेषों के उपयोग की समस्या नहीं है ।
- अधिक गुणवत्तापूर्ण पैदावार प्राप्त होती है ।
- कृषि मित्रजीव सुरक्षित रहते हैं तथा उनकी संख्या में बढ़ोतरी होती है ।
- कम लागत ।
- स्वास्थ्य में सुधार एवं
- अधिक लाभपूर्णता ।
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स्थाई कृषि/टिकाऊ खेती की प्रमुख विशेषताएं -
- कम लागत ( Less Investment )
- स्थानीय उपलब्धता ( Local Availability )
- पर्यावरण हितैषी ( Eco — Friendly )
- अधिक गुणवत्तापूर्ण एवं पोषणीय उत्पाद ( More Qualitative and Nutritious Products )
- विविधिकरण ( Diversity )
- आय में वृद्धि एवं समृद्धि मूलक ( Increase in Earning and Prosperity Head )
- अधिक भण्डारण क्षमता ( Increase Storage )
- किसान एवं किसानी मित्र ( Farmer and Farming Friend )